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Volume : II, Issue : IV, May - 2012 उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के उपन्यासों में बाल मनोविज्ञान प्रा. सिंधू खिलारे Published By : Laxmi Book Publication Abstract : प्रेमचन्द हिन्दी के प्रथम मौलिक उपन्यासकार हैं। उन्होंने एक क्रमबद्ध एवं संगठित कथा देने का महत्त्वपूर्ण प्रयास किया है। उन्होंने हिन्दी के पाठकों की अभिरुचि को तिलिस्मी उपन्यासों की गर्त से निकालकर शुद्ध साहित्यिक नींव पर स्थिर किया। उनकी कला, उनका आदर्शवाद, उनकी कल्पना और सौन्दर्यानुभूति और उनके चरित्र आदि मध्यवर्ग की जनता का सच्चा प्रतिनिधित्व करते हैं। Keywords : Article : Cite This Article : प्रा. सिंधू खिलारे, (2012). उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के उपन्यासों में बाल मनोविज्ञान. Indian Streams Research Journal, Vol. II, Issue. IV, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/6704.pdf References : - १. प्रेमचन्द स्मृति-प्र.सं., १९५९, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, बाह्यय कवर, से ।
- २. वरदान : प्रेमचन्द छठा संस्करण, १९५९ दिसम्बर, पृ. १२ ।
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