Volume : I, Issue : I, February - 2011 २१ वी सदी के प्रथम दशक का उपन्यास साहित्यप्रा.डॉ. जिभाऊ शा. मोरे Published By : Laxmi Book Publication Abstract : उपन्यास मानव-जीवन का सघन और प्रामाणिक चित्रण करके ही अपने अस्तित्व को सार्थक करता है| जहाँ तक हिंदी-उपन्यास साहित्य का सवाल है, स.१८८२ इ.के ‘परीक्षा गुरु’ (लाला श्रीनिवासदास) से यह यात्रा शुरू हुई और लगबग सवा सौ वर्षो के बाद कई उतार-चढाव पार करते हुए आज साहित्य की केंद्रिय विधा बन गया है| Keywords : Article : Cite This Article : प्रा.डॉ. जिभाऊ शा. मोरे, (2011). २१ वी सदी के प्रथम दशक का उपन्यास साहित्य. Indian Streams Research Journal, Vol. I, Issue. I, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/6528.pdf References : - डॉ. ऋषभदेव शर्मा, इक्कीसवीं सदी के हिंदी उपन्यास : विविध विमर्श, (भूमिका से)
- जमुना सुखाम, इक्कीसवीं सदी के प्रथम दशक के हिंदी उपन्यासों में ‘व्यक्ति के मानसिक तनाव, उलझने और समाज
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