Volume : I, Issue : I, February - 2011 मार्कण्डेय के उपन्यासों मेे राजनीतिक चेतनाश्री शेक सलीम बाषा Published By : Laxmi Book Publication Abstract : प्रेमचंद के पश्चातू हिन्दी उपन्यास पर किसी एक लेखक का प्रभाव न होने से और विभिन्न व्यक्तिगत सफल प्रयोग होने के कारण सन् 1936 से 1940 के युग को ‘पे्रमचंदोत्तर युग’ या ‘प्रयोग काल’ की संज्ञा दी गयी है। शेष 1950 से आजतक का युग ‘‘समकालीन युग’’ के नाम से पुकारा जाता है। Keywords : Article : Cite This Article : श्री शेक सलीम बाषा, (2011). मार्कण्डेय के उपन्यासों मेे राजनीतिक चेतना. Indian Streams Research Journal, Vol. I, Issue. I, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/6439.pdf References : - -
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