Volume : I, Issue : I, February - 2011 रामचरितमानस में जीवन मूल्यमुंडे डी.के. Published By : Laxmi Book Publication Abstract : विश्व में मूल्य का प्रमुख स्त्रोत धर्म रहा हैं | धर्म जीवन मुल्यों के प्रति आस्था निर्माण कर के राह प्रशस्त करता है| वास्तव में मूल्य का प्रारंभ परिवार से होता हैं | मनुष्य परिवार से बाहर गांव, प्रांत, देश आदि का अविभाज्य घटक बन जाता हैं| साहित्य समाज का दर्पण है, वेदों से लेकर आज तक समाज में नीति साहित्य अर्थात मानवी मूल्यों की प्रतिष्ठा के प्रत्यक्ष प्रमाण मिलते हैं | Keywords : Article : Cite This Article : मुंडे डी.के., (2011). रामचरितमानस में जीवन मूल्य. Indian Streams Research Journal, Vol. I, Issue. I, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/3819.pdf References : - रामचरितमानस-गीता प्रसे गोरखपूर.
- भारतीय संस्कृति महाकाव्यों के आलोक में- डॉ. देवराज.
- तुलसी मानस संदर्भ – रामस्वरूप आर्य.
- तुलसी मानस संदर्भ और दृष्टी – डॉ. केशवप्रसाद.
- रामचरितमानस में समाज दर्शन – डॉ. विजयालक्ष्मी सिंह.
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