Volume : I, Issue : III, April - 2011 हिंदी भक्ति काव्य की प्रासंगिकताभगवान आदटराव Published By : Laxmi Book Publication Abstract : भूमण्डलीकरण, उदारीकरण, उन्नत प्रोद्यौगिकी एवं सुचना तकनीकी के युग में गुमराह होते जा रहे मानव समाज को पथ प्रदर्शन कौन करें, यह चिंता का विषय है | यद्यपि आज हमने हर क्षेत्र में क्रांति की है, पर हम मानव मन तथा उसकी भावना समझने मैं पीछे रहे हैं | Keywords : Article : Cite This Article : भगवान आदटराव, (2011). हिंदी भक्ति काव्य की प्रासंगिकता. Indian Streams Research Journal, Vol. I, Issue. III, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/3813.pdf References : - कबीर : कवि और युग – डॉ. के. श्रीलता.
- मध्यकालीन साहित्य विमर्श - डॉ. सुधा सिंह.
- धर्म-दर्शन की रूप रेखा – डॉ. हरेंद्र्प्रसाद सिन्हा.
- मध्यकालीन भारत – डॉ सतीश चंद्र.
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