Volume : III, Issue : XI, December - 2013 लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण और गरीबी उन्मूलन जनजातीय क्षेत्र की वास्तविकताअखिलेश पाल Published By : Laxmi Book Publication Abstract : स्वतंत्रता प्रप्ति के पश्चात से ही जनजातीय समुदाय को गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, पलायन आदि समस्यओं से निजात दिलाने के लिए वृहद स्तर पर नीतियों को लागू किया गया साथ ही सामाज को मुख्यधारा में शामिल करने के लिये सविधान में विभिन्न रक्षात्मक व्यवस्था की गई तथा राजनीतिक व्यवस्था में इनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने के प्रावधान किए गये | इनकी पृथक शासनिक व्यवस्था पाँचवीं एवं छठी अनुसूची में करने के साथ ही इनके विकास तथा कल्याण के लिए पंचवर्षीय योजनाओं और जनजातीय उप-योजना के माध्यम से विभिन्न अवधारणा , प्रतिमान एवं दृष्टिकोण अपनाए गये | Keywords : Article : Cite This Article : अखिलेश पाल, (2013). लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण और गरीबी उन्मूलन जनजातीय क्षेत्र की वास्तविकता. Indian Streams Research Journal, Vol. III, Issue. XI, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/3424.pdf References : - भारत सरकार ,२००८ ११ वीं पंचवर्षीय योजना , २००७-०८ , खण्ड -१|
- भारत सरकार , २००७ -०८ वार्षिक प्रतिवेदन , ग्रामीण विकास मंत्रालय |
- भारत सरकार ,२००८ , स्टेट ऑफ पंचायत रिपोर्ट : एन इंडिपेंडेंट असेसमेंट , मिनिस्ट्री ऑफ पंचायत राज |
- तिवारी , शिवकुमार (१९८४) : मध्यप्रदेश के आदिवासी ,म.प्र. हिन्दी ग्रन्थ अकादमी , भोपल |
- श्रीनिवास , एम.एन.(१९६६) : सोशल चेन्ज इन माडर्न इंडिया , एलाइड पब्लिशर्स, मुम्बई |
|
Article Post Production
Article Indexed In
|