Volume : III, Issue : III, April - 2013 संत साहित्य मे कबीर और नारी निधि सैनी Published By : Laxmi Book Publication Abstract : “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता :” से लेकर ” नारी तुम केवल श्रध्दा हो तक जो भव है उससे नारी के पावन रूप की प्रतिष्ठा का पता चलता है | नारी का इतिहास नारी का इतिहास अनेक उत्थान – पतानो का इतिहास है |समय – समय पर नारी विषयक मानदण्डो मे परिवर्तन होता रहा है | मध्यकाल मे नारी के सम्बंध मे जो भाव और मूल्य निश्चित किए गये थे , उन्होंने तत्कालीन कवियों को भी प्रभावित किया है | Keywords : Article : Cite This Article : निधि सैनी, (2013). संत साहित्य मे कबीर और नारी . Indian Streams Research Journal, Vol. III, Issue. III, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/3320.pdf References : - कबीर वचनावली – पृ . १४१
- कबीर वचनावली – पृ . १४१
- कबीर ग्रंथावली – पृ . १९२
- कबीर ग्रंथावली – पृ . १२३
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