Volume : VI, Issue : XI, December - 2016 युवा व्यक्तित्व विकास (निर्णय क्षमता और उत्तरदायित्व) में अष्टांग योग की उपादेयता -एक मनोवैज्ञानिक अध्ययनदेवेन्द्र शर्मा , डाॅ. एस.एस. शर्मा By : Laxmi Book Publication Abstract : आज के परिवेश में हम पाते हैं कि मानव जीवन के सम्पूर्ण जीवनकाल में युवावस्था सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस युवावस्था पर ही मनुष्य जीवन का। Keywords : Article : Cite This Article : देवेन्द्र शर्मा , डाॅ. एस.एस. शर्मा(2016). युवा व्यक्तित्व विकास (निर्णय क्षमता और उत्तरदायित्व) में अष्टांग योग की उपादेयता -एक मनोवैज्ञानिक अध्ययन. Indian Streams Research Journal, Vol. VI, Issue. XI, http://isrj.org/UploadedData/9796.pdf References : - आसन क्यों और कैसे- ओ.पी. तिवारी, कैवल्यधाम लोनावला, पंचम संस्करण, 2005.
- आसन, प्राणायाम, मुद्राबंध- स्वामी सत्यानंद सरस्वती, बिहार योग विद्यालय, मुंगेर, 1990.
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