Volume : VI, Issue : XII, January - 2017 प्राचीन भारतीय परराज्य सम्बन्ध में षाड्गुण्यमंत्र (मूलमंत्र) की उपयोगिता - वर्तमान सन्दर्भ मेंमहेश कुमार रचियता, None By : Laxmi Book Publication Abstract : प्राचीन भारतीय रातशास्त्रियों ने राज्य का षाड्गुण्यमंत्र को मूलमंत्र माना है। मनु ने यह मंत्र छः प्रकार का बलताया है। इसीलिये इसे षाड्यगुण्यमंत्र कहते हैं। प्राचीन भारत के प्रायः सभी आचार्यो ने यह मंत्र छः प्रकार का बतलाया है। महाभारत में षाड्गुण्यमंत्र का गुणगान किया गया है। Keywords : Article : Cite This Article : महेश कुमार रचियता, None(2017). प्राचीन भारतीय परराज्य सम्बन्ध में षाड्गुण्यमंत्र (मूलमंत्र) की उपयोगिता - वर्तमान सन्दर्भ में. Indian Streams Research Journal, Vol. VI, Issue. XII, http://isrj.org/UploadedData/9352.pdf References : - 1.षाड्गुण्यमेवैतदवस्थाभेदादिति कौटिल्यः। अर्थ., 7/1, वार्ता 5
- 2.संधि चविग्रहं यानमासनमेव च।
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