Volume : VI, Issue : XI, December - 2016 भक्ति-भक्त-भगवन्तशिवशंकर नापित, डाॅ. रमाशंकर द्विवेदी By : Laxmi Book Publication Abstract : भक्ति के प्राधान्य से मन निर्मल होता है और भक्त का दर्शन होता है। भक्त के दर्शन के बाद भगवन्त का दर्शन होता है। भगवत् दर्शन से मुक्ति प्राप्त होती है जो इस संसार के जीवों के लिए आवश्यक है। Keywords : Article : Cite This Article : शिवशंकर नापित, डाॅ. रमाशंकर द्विवेदी(2016). भक्ति-भक्त-भगवन्त. Indian Streams Research Journal, Vol. VI, Issue. XI, http://isrj.org/UploadedData/9142.pdf References :
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