Volume : VI, Issue : VII, August - 2016 छायावाद के जनक ’’मुकुटधर पाण्डेय जी का काव्य -सौन्दर्य’’प्रा. डॉ. भिमराव भाउराव मानकरे, None By : Laxmi Book Publication Abstract : मुकुटधर पाण्डेय खडी बोली काव्यधारा के प्रथम मील स्तम्भ हैं। छायावादी काव्य का आगे चलकर जो विकास प्रसाद, पन्त और निराला जी के काव्य में हुआ उसका प्रारम्भिक रूप उनकी रचनाओं में मिलता है। Keywords : Article : Cite This Article : प्रा. डॉ. भिमराव भाउराव मानकरे, None(2016). छायावाद के जनक ’’मुकुटधर पाण्डेय जी का काव्य -सौन्दर्य’’. Indian Streams Research Journal, Vol. VI, Issue. VII, http://isrj.org/UploadedData/8682.pdf References :
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