Volume : VI, Issue : II, March - 2016 भारतीय भाषाओ में रामकाव्य और अहमदबख्श थानेसरी कृत हरियाणवी रामायणकृष्णचंद राल्हाण, - By : Laxmi Book Publication Abstract : आज समूचे राष्ट्र में भावात्मक एवं सांस्कृतिक एकता खंडित होती जा रही है”| लोग अपनी पहचान विस्मृत क्र राहे है| चारो तरफ देश की एकता एवं अखंडता की बात की जा रही है, किन्तु यह एकता और अखंडता केवल परिहास बनकर रह गई है| Keywords : Article : Cite This Article : कृष्णचंद राल्हाण, -(2016). भारतीय भाषाओ में रामकाव्य और अहमदबख्श थानेसरी कृत हरियाणवी रामायण. Indian Streams Research Journal, Vol. VI, Issue. II, http://isrj.org/UploadedData/8054.pdf References : - रामचरितमानस तुलनात्मक अध्ययन, सं. नरेन्द्र, राधाकृष्ण प्रकाशन, दरियांगज, नी दिल्ली, १९७४.
- अहमदबख्श थानेसरी – कृत ‘रामायण’, स. बालकृष्ण मुज्तर, हरियाणा साहित्य अकादमी, चण्डीगढ, १९८३.
- रामकथा उत्पति और विकास, डॉ. कामिल बुल्के, प्रयाग हिन्दी परिषद, प्रयाग विश्वविध्यालय, १९६२.
- भारतीय साहित्य में रामकथा, स. कुमार विमल, राजकमल प्रकाशन, नी दिल्ली, १९८७.
- श्रारामचरितमानस, तुलसीदास, काशीराज संस्करण, १९९२.
- रामचरितमानस तुलनात्मक अध्ययन, सं. नरेन्द्र, राधाकृष्ण प्रकाशन, दरियांगज, नी दिल्ली, १९७४.
- अहमदबख्श थानेसरी – कृत ‘रामायण’, स. बालकृष्ण मुज्तर, हरियाणा साहित्य अकादमी, चण्डीगढ, १९८३.
- रामकथा उत्पति और विकास, डॉ. कामिल बुल्के, प्रयाग हिन्दी परिषद, प्रयाग विश्वविध्यालय, १९६२.
- रामचरितमानस तुलनात्मक अध्ययन, सं. नरेन्द्र, राधाकृष्ण प्रकाशन, दरियांगज, नी दिल्ली, १९७४.
- भारतीय साहित्य में रामकथा, स. कुमार विमल, राजकमल प्रकाशन, नी दिल्ली, १९८७.
- श्रारामचरितमानस, तुलसीदास, काशीराज संस्करण, १९९२.
- भारतीय साहित्य में रामकथा, स. कुमार विमल, राजकमल प्रकाशन, नी दिल्ली, १९८७.
- श्रारामचरितमानस, तुलसीदास, काशीराज संस्करण, १९९२.
- भारतीय साहित्य में रामकथा, स. कुमार विमल, राजकमल प्रकाशन, नी दिल्ली, १९८७.
- श्रारामचरितमानस, तुलसीदास, काशीराज संस्करण, १९९२.
- अहमदबख्श थानेसरी – कृत ‘रामायण’, स. बालकृष्ण मुज्तर, हरियाणा साहित्य अकादमी, चण्डीगढ, १९८३.
- रामकथा उत्पति और विकास, डॉ. कामिल बुल्के, प्रयाग हिन्दी परिषद, प्रयाग विश्वविध्यालय, १९६२.
- रामचरितमानस तुलनात्मक अध्ययन, सं. नरेन्द्र, राधाकृष्ण प्रकाशन, दरियांगज, नी दिल्ली, १९७४.
- अहमदबख्श थानेसरी – कृत ‘रामायण’, स. बालकृष्ण मुज्तर, हरियाणा साहित्य अकादमी, चण्डीगढ, १९८३.
- रामकथा उत्पति और विकास, डॉ. कामिल बुल्के, प्रयाग हिन्दी परिषद, प्रयाग विश्वविध्यालय, १९६२.
|
Article Post Production
No data exists for the row/column.
|