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Volume : VI, Issue : II, March - 2016

सामाजिक परिवर्तन में आरक्षण की भूमिका

अशोक कुमार, -

By : Laxmi Book Publication

Abstract :

जिस प्रकार समग्र सृष्टि में समय के साथ परिवर्तन होता है उसी प्रकार मानव समाज भी परिवर्तनशील है। समाज में आदिकाल से ही नित्य नये प्रयोजनों के द्वारा एक के बाद एक परिवर्तन संस्कृति, प्रथाओं, अर्थनीति एवं शासन व्यवस्था में होते रहे हैं। एक व्यवस्था लगातार बनी नहीं रह सकती इसलिए कालान्तर में एक व्यवस्था के स्थान पर दूसरी व्यवस्था का उदय होता है। सामाजिक व्यवस्था में इस प्रकार का क्रमिक परिवर्तन अन्त में विकास एवं उन्नयन के रूप में परिलक्षित होता है। परन्तु कोई भी सामाजिक परिवर्तन तभी न्यायोचित एवं विकास के रूप में वर्णित किया जा सकता है जब यह निम्नतर अवस्था में पडे़ लोगों के जीवन में सुखद बदलाव लाने में सक्षम होता है। ‘‘इस हिसाब से भारत में उत्कृष्ट सामाजिक परिवर्तन उस परिवर्तन को ही कहा जा सकता है जो यहां की परम्परागत आर्थिक वितरण व्यवस्था में बहुसंख्यक आबादी को राष्ट्र के जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उनका उचित हिस्सा मुहैया करा सके। दूसरे शब्दों में एक ऐसा सामाजिक परिवर्तन जो कि मुख्यधारा से अलग-थलग पडे़ लोगों को मुख्यधारा में ला सके, ही सच्चा सामाजिक परिवर्तन कहलायेगा।‘

Keywords :


    Article :


    Cite This Article :

    अशोक कुमार, -(2016). सामाजिक परिवर्तन में आरक्षण की भूमिका. Indian Streams Research Journal, Vol. VI, Issue. II, http://isrj.org/UploadedData/7898.pdf

    References :

    1. एच.एल. दुसाध, डायवर्सिटी: दलित सशक्तीकरण का सर्वोत्तम औजार, पृष्ठ-9
    2. एच.एल. दुसाध, हिन्दू आरक्षण और बहुजन का संघर्ष, पृष्ठ-257
    3. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-382
    4. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-13
    5. एच.एल. दुसाध, डायवर्सिटी: दलित सशक्तीकरण का सर्वोत्तम औजार, पृष्ठ-9
    6. एच.एल. दुसाध, हिन्दू आरक्षण और बहुजन का संघर्ष, पृष्ठ-257
    7. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-382
    8. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-13
    9. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-13
    10. एच.एल. दुसाध, डायवर्सिटी: दलित सशक्तीकरण का सर्वोत्तम औजार, पृष्ठ-9
    11. एच.एल. दुसाध, हिन्दू आरक्षण और बहुजन का संघर्ष, पृष्ठ-257
    12. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-382
    13. एच.एल. दुसाध, वर्ण व्यवस्था: एक वितरण व्यवस्था, पृष्ठ-213
    14. एच.एल. दुसाध, वर्ण व्यवस्था: एक वितरण व्यवस्था, पृष्ठ-213
    15. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-13
    16. एच.एल. दुसाध, डायवर्सिटी: दलित सशक्तीकरण का सर्वोत्तम औजार, पृष्ठ-9
    17. एच.एल. दुसाध, हिन्दू आरक्षण और बहुजन का संघर्ष, पृष्ठ-257
    18. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-382
    19. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-13
    20. एच.एल. दुसाध, डायवर्सिटी: दलित सशक्तीकरण का सर्वोत्तम औजार, पृष्ठ-9
    21. एच.एल. दुसाध, हिन्दू आरक्षण और बहुजन का संघर्ष, पृष्ठ-257
    22. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-382
    23. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-13
    24. एच.एल. दुसाध, डायवर्सिटी: दलित सशक्तीकरण का सर्वोत्तम औजार, पृष्ठ-9
    25. एच.एल. दुसाध, हिन्दू आरक्षण और बहुजन का संघर्ष, पृष्ठ-257
    26. एच.एल. दुसाध, सामाजिक परिवर्तन और बी.एस.पी., पृष्ठ-382
    27. एच.एल. दुसाध, वर्ण व्यवस्था: एक वितरण व्यवस्था, पृष्ठ-213
    28. एच.एल. दुसाध, वर्ण व्यवस्था: एक वितरण व्यवस्था, पृष्ठ-213

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