Volume : IV, Issue : II, March - 2014 रघुवीर सहाय के काव्य मे “लोकतंत्र” की अवधारणा Pankaj Singh, None By : Laxmi Book Publication Abstract : बहुत सारी शासन प्रणालियों में ’लोकतंत्र‘ को इसलिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं खास स्थान हासिल है, क्योंकि इसमें जनता की इच्छा सर्वोपरि होती है। उस पर राजतंत्र, धर्मतंत्र या तानाशाही शासन प्रणालियों की तरह बलात् इच्छाओं को थोपा नहीं जाता। Keywords : Article : Cite This Article : Pankaj Singh, None(2014). रघुवीर सहाय के काव्य मे “लोकतंत्र” की अवधारणा . Indian Streams Research Journal, Vol. IV, Issue. II, http://isrj.org/UploadedData/7849.pdf References : - वही, ‘मेरा प्रतिनिधि’, पृ0 110.
- दैनिक जागरण, सम्पादकीय, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण।
- रघुवीर सहाय का कवि कर्म, सुरेश शर्मा, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, संस्करण-2002, पृ0 78.
- रघुवीर सहाय, रचनावली-1, ‘कोई एक और मतदाता’, सं0- सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण-2000, पृ0 135.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- रघुवीर सहाय का कवि कर्म, सुरेश शर्मा, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, संस्करण-2002, पृ0 78.
- रघुवीर सहाय, रचनावली-1, ‘कोई एक और मतदाता’, सं0- सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण-2000, पृ0 135.
- वही, ‘मेरा प्रतिनिधि’, पृ0 110.
- दैनिक जागरण, सम्पादकीय, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण।
- रघुवीर सहाय का कवि कर्म, सुरेश शर्मा, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, संस्करण-2002, पृ0 78.
- रघुवीर सहाय, रचनावली-1, ‘कोई एक और मतदाता’, सं0- सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण-2000, पृ0 135.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- वही, ‘मेरा प्रतिनिधि’, पृ0 110.
- दैनिक जागरण, सम्पादकीय, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण।
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- वही, ‘मेरा प्रतिनिधि’, पृ0 110.
- दैनिक जागरण, सम्पादकीय, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण।
- वही, ‘मेरा प्रतिनिधि’, पृ0 110.
- दैनिक जागरण, सम्पादकीय, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण।
- दैनिक जागरण, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण, पृ0 1.
- वही, पृ0 103.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- वही, पृ0 103.
- दैनिक जागरण, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण, पृ0 1.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- दैनिक जागरण, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण, पृ0 1.
- वही, पृ0 103.
- वही, ‘कोई एक और मतदाता’, पृ0 110.
- रघुवीर सहाय का कवि कर्म, सुरेश शर्मा, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, संस्करण-2002, पृ0 78.
- रघुवीर सहाय, रचनावली-1, ‘कोई एक और मतदाता’, सं0- सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण-2000, पृ0 135.
- रघुवीर सहाय का कवि कर्म, सुरेश शर्मा, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, संस्करण-2002, पृ0 78.
- रघुवीर सहाय, रचनावली-1, ‘कोई एक और मतदाता’, सं0- सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण-2000, पृ0 135.
- वही, ‘मेरा प्रतिनिधि’, पृ0 110.
- दैनिक जागरण, सम्पादकीय, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण।
- दैनिक जागरण, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण, पृ0 1.
- दैनिक जागरण, 01 नवम्बर 2011, लखनऊ संस्करण, पृ0 1.
- वही, पृ0 103.
- वही, पृ0 103.
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