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Volume : V, Issue : XI, December - 2015

डॉ. नगेंद्र की आलोचना दृष्टि

आर. वाय. शिरसाट, None

By : Laxmi Book Publication

Abstract :

आलोचना, साहित्य का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। साहित्य की धाराओ को समझने के लिए एवं तुलनात्मक अध्ययन की दृष्टि से आल¨चना की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। आधुनिक  धाराओ को साहित्य ने प्राचीन भाषा के साहित्य से जो सशक्त परंपराएं ग्रहण की है.

Keywords :


    Article :


    Cite This Article :

    आर. वाय. शिरसाट, None(2015). डॉ. नगेंद्र की आलोचना दृष्टि. Indian Streams Research Journal, Vol. V, Issue. XI, http://isrj.org/UploadedData/7560.pdf

    References :

    1. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    2. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    3. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    4. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    5. डॉ. जयचंद्र राय, हिंदी आलोचना के आधार स्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृ. 78.
    6. डॉ. नगेंद्र, रस सिध्दांत, पृ. 362-63
    7. वही, पृ. 780
    8. संपा- डॉ. नगेंद्र, हिंदी साहित्यक का इतिहास, मयूर पेपर बॅक्स नोएडा, पृ. 780.
    9. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    10. डॉ. जयचंद्र राय, हिंदी आलोचना के आधार स्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृ. 78.
    11. डॉ. नगेंद्र, रस सिध्दांत, पृ. 362-63
    12. वही, पृ. 780
    13. संपा- डॉ. नगेंद्र, हिंदी साहित्यक का इतिहास, मयूर पेपर बॅक्स नोएडा, पृ. 780.
    14. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    15. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    16. डॉ. जयचंद्र राय, हिंदी आलोचना के आधार स्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृ. 78.
    17. डॉ. नगेंद्र, रस सिध्दांत, पृ. 362-63
    18. वही, पृ. 780
    19. संपा- डॉ. नगेंद्र, हिंदी साहित्यक का इतिहास, मयूर पेपर बॅक्स नोएडा, पृ. 780.
    20. डॉ. जयचंद्र राय, हिंदी आलोचना के आधार स्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृ. 78.
    21. डॉ. नगेंद्र, रस सिध्दांत, पृ. 362-63
    22. वही, पृ. 780
    23. संपा- डॉ. नगेंद्र, हिंदी साहित्यक का इतिहास, मयूर पेपर बॅक्स नोएडा, पृ. 780.
    24. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    25. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    26. संपा - रामेश्वरलाल खंडेलवाल, हिंदी आलोचना के आधारस्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण 2001, पृ. 47s
    27. डॉ. जयचंद्र राय, हिंदी आलोचना के आधार स्तंभ, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृ. 78.
    28. डॉ. नगेंद्र, रस सिध्दांत, पृ. 362-63
    29. वही, पृ. 780
    30. संपा- डॉ. नगेंद्र, हिंदी साहित्यक का इतिहास, मयूर पेपर बॅक्स नोएडा, पृ. 780.

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