Volume : IV, Issue : XII, January - 2015 मैला आंचल में प्रतिबिंबित समाज की अर्थव्यवस्थाप्रा.डॉ.एस.के. खोत, None By : Laxmi Book Publication Abstract : वर्तमान युग में हिंदी साहित्य के अंतर्गत आंचलिक उपन्यास क आषातीत विकास हुआ है | भारत वर्श में विभिन्न आंचल है | प्रत्येक आंचल की अपनी अपनी सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक, षैक्षिक, सांस्कृतिक तथा साहित्यिक पृश्ठभूमी होती है | आंचलिक उपन्यास लोकतंत्र के समान है, इसमें अत्यन्त साधारण नारी, पुरुष प्रमुख पात्र होते है, उनके अन्तर्गत विषेश रूप से यथार्थ, विष्वसनीय, सहानुभूतिपूर्ण जीवन का प्रस्तुतिकरण होता है | Keywords : Article : Cite This Article : प्रा.डॉ.एस.के. खोत, None(2015). मैला आंचल में प्रतिबिंबित समाज की अर्थव्यवस्था. Indian Streams Research Journal, Vol. IV, Issue. XII, http://isrj.org/UploadedData/6293.pdf References : - वही, पृश्ठ – 155.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- वही, पृश्ठ – 186.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
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- वही, पृश्ठ – 158.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- वही, पृश्ठ – 186.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- वही, पृश्ठ – 186.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- वही, पृश्ठ – 186.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 186.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
- वही, पृश्ठ – 158.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- वही, पृश्ठ – 234.
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- वही, पृश्ठ – 186.
- वही, पृश्ठ – 186.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 158.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
- वही, पृश्ठ – 155.
- वही, पृश्ठ – 186.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
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- वही, पृश्ठ – 158.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
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- वही, पृश्ठ – 234.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 234.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- वही, पृश्ठ – 186.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
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- मेल्टिना टोप्पो, हिन्दी कके आंचलिक उपन्यासों की सांस्कृतिक चेतना, पृश्ठ – 25.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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- वही, पृश्ठ – 155.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
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- डॉ. राजकुमारी सिंह, हिन्दी तथा अंग्रेजी के आंचलिक उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन, पृश्ठ – 25.
- फणीश्वरानाथ रेणु, मैला आंचल, पृश्ठ – 125.
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