Volume : XIV, Issue : II, March - 2024 "संत काव्य में लोकधर्म बनाम शास्त्रधर्म: एक तुलनात्मक अध्ययन" Vishwanath S/o Mansing Rathod, Dr. Vidya Sagar Singh By : Laxmi Book Publication Abstract : हिंदी संत काव्य परंपरा में लोकधर्म और शास्त्रधर्म के बीच संवाद, संघर्ष और समन्वय एक अत्यंत महत्वपूर्ण विमर्श का विषय है। यह शोध-पत्र संत कवियों – विशेषकर कबीर, रैदास, तुलसीदास और मीरा बाई – के काव्य में लोकधर्म और शास्त्रधर्म की उपस्थिति तथा उनकी अंत:क्रिया का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है। Keywords : Article : Cite This Article : Vishwanath S/o Mansing Rathod, Dr. Vidya Sagar Singh(2024). "संत काव्य में लोकधर्म बनाम शास्त्रधर्म: एक तुलनात्मक अध्ययन". Indian Streams Research Journal, Vol. XIV, Issue. II, http://isrj.org/UploadedData/11430.pdf References : - त्रिपाठी, रामकृष्ण. भारतीय संत साहित्य का इतिहास. इलाहाबाद: राजकमल प्रकाशन, 2010.
- शास्त्री, श्यामसुंदर. कबीर और उनकी कविता. वाराणसी: हिंदी साहित्य सम्मेलन, 2008.
|
Article Post Production
No data exists for the row/column.
|