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Volume : XV, Issue : II, March - 2025 प्रभा खेतान के उपन्यासों में नारी चिंतन का मनोवैज्ञानिक पक्षः एक समीक्षा  डॉ. आरती , माया देवी By : Laxmi Book Publication Abstract : प्रभा खेतान के उपन्यासों में नारी के मनोवैज्ञानिक पक्ष का अत्यंत सूक्ष्म और यथार्थ चित्रण मिलता है। वे समकालीन स्त्री लेखन की उन अग्रणी रचनाकारों में हैं जिन्होंने स्त्री के भीतर की जटिल मानसिक संरचनाओं को समझने और अभिव्यक्त करने का सशक्त प्रयास किया। Keywords : Article : Cite This Article : डॉ. आरती , माया देवी(2025). प्रभा खेतान के उपन्यासों में नारी चिंतन का मनोवैज्ञानिक पक्षः एक समीक्षा . Indian Streams Research Journal, Vol. XV, Issue. II, http://isrj.org/UploadedData/11373.pdf References : - खेतान, प्रभा. आओ पेपे, घर चले. वाणी प्रकाशन, 1991, पृ. 68.
- खेतान, प्रभा. “अग्निसंभवा.“ हंस, अप्रैल 1992, पृ. 57.
- खेतान, प्रभा. “अग्निसंभवा.“ हंस, अप्रैल 1992, पृ. 58
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