Volume : XV, Issue : II, March - 2025 कौशिक की ग़ज़लों में ग्रामीण और शहरी चेतना का अध्ययन दीपक शर्मा , डाॅ. क्रांति मिश्रा By : Laxmi Book Publication Abstract : माधव कौशिक की ग़ज़लों में ग्रामीण (गंवई) और शहरी चेतना का प्रभावशाली समावेश मिलता है। वे अपनी शायरी में गाँव और शहर, दोनों के अनुभवों को संजोते हैं, जहाँ एक ओर गाँव की मिट्टी की महक, सीधापन और आत्मीयता है, वहीं दूसरी ओर शहर की भागदौड़, अकेलापन और बनावटीपन भी उभरकर आता है। Keywords : Article : Cite This Article : दीपक शर्मा , डाॅ. क्रांति मिश्रा(2025). कौशिक की ग़ज़लों में ग्रामीण और शहरी चेतना का अध्ययन. Indian Streams Research Journal, Vol. XV, Issue. II, http://isrj.org/UploadedData/11272.pdf References : - 1. माधव कौशिक - नयी उम्मीद की दुनिया, पृष्ठ 110
- 2. माधव कौशिक - नयी उम्मीद की दुनिया, पृष्ठ 96
|
Article Post Production
No data exists for the row/column.
|