Volume : XII, Issue : VII, August - 2022 अमृतलाल नागर के भूख (महाकाल) उपन्यास में जन चेतना का अध्ययननिर्मला साहू, डाॅ. उर्मिला वर्मा By : Laxmi Book Publication Abstract : मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, साहित्यकार भी समाज के घात-प्रतिघातों को झेलता हुआ सामाजिक परिदृश्य उपस्थित करता है। वह सामाजिक व्यवस्था के अन्तर्गत सामाजिक मूल्यों का सृजन तथा रूढ़ियों का विघटन और परिवर्तन देखता हुआ उसे अपनी लेखनी से शब्दबद्ध करता है। Keywords : Article : Cite This Article : निर्मला साहू, डाॅ. उर्मिला वर्मा(2022). अमृतलाल नागर के भूख (महाकाल) उपन्यास में जन चेतना का अध्ययन. Indian Streams Research Journal, Vol. XII, Issue. VII, http://isrj.org/UploadedData/10517.pdf References : - डाॅ. नामवर सिंह - आधुनिक हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ, पृष्ठ 106
- प्रकाशचंद मिश्र - अमृतलाल नागर का उपन्यास साहित्य, पृष्ठ 253
|
Article Post Production
No data exists for the row/column.
|