Volume : XI, Issue : VII, August - 2021 भारतीय नारी की अवधारणा स्वातंत्र्योत्तर कथा साहित्य मेंप्रा. प्रमोद किशनराम घन, None By : Laxmi Book Publication Abstract : स्वतंत्रता के बाद नारी के अस्तित्व की अनुभूतिए सामाजिक अराजकताए नैतिक उथल.पुथलए खोखलापनए उदासीनताए निराशा और निराशाए घृणाए नए मूल्यों को साहित्य में चित्रित किया गया है। Keywords : Article : Cite This Article : प्रा. प्रमोद किशनराम घन, None(2021). भारतीय नारी की अवधारणा स्वातंत्र्योत्तर कथा साहित्य में. Indian Streams Research Journal, Vol. XI, Issue. VII, http://isrj.org/UploadedData/10513.pdf References : - साठोत्तरी हिन्दी लेि खकाओ की कहानियो मे नारी-मंगल कप्पीकेरे, पृ. 14
- मंजुला गुप्ता, हिन्दी उपन्यास, समाज और व्यक्ति का द्वन्द्व, पृ. 225
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