Volume : IV, Issue : IX, October - 2014 पितृसत्तात्मक समाज की गतिशीलता और उसकी नियतिविमल कुमार, - By : Laxmi Book Publication Abstract : एक तरफ भारतीय समाज जहाँ पुत्र की प्राप्ति के लिए क्या-क्या नहीं करता? किस किस देवालय में मनौती नहीं मानता वहीं अवैध जन्मे पुत्र को देखकर समाज लगता है हिमालय के शिखर से नीचे गिर गया है, तो बेटी के जन्म पर मातम मनाता है, जिस बेटी की संतान वह मातम वह मातम मनाने वाला पुरूष भी है। Keywords : Article : Cite This Article : विमल कुमार, -(2014). पितृसत्तात्मक समाज की गतिशीलता और उसकी नियति. Indian Streams Research Journal, Vol. IV, Issue. IX, http://isrj.org/UploadedData/10211.pdf References : - महादेवी वर्मा अतीत के चलचित्र-पृ0 63-64
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