Volume : V, Issue : XII, January - 2016 धूमिल की कविता मे जनवादी चेतनाप्रा.डॉ.जाधव युवराज इंद्रजित, None By : Laxmi Book Publication Abstract : भारतीय जनतंत्र की व्यवस्था में स्वतंत्रता समता, बंधूत्व, न्याय, धर्मनिरपेक्षता को काफी महत्व दिया गया है। Keywords : Article : Cite This Article : प्रा.डॉ.जाधव युवराज इंद्रजित, None(2016). धूमिल की कविता मे जनवादी चेतना. Indian Streams Research Journal, Vol. V, Issue. XII, http://isrj.org/UploadedData/10126.pdf References : - जनवादी समीक्षा दृष्टि और जनवादी रचनाकार :- इंद्रबहादूर सिंह पृ.130
- हिन्दी जनवादी कविता :- डॉ.वशिष्ठ पृ 83
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